योग का एक महत्वपूर्ण लाभ यह है कि ये हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है, जिससे किसी भी तरह के बैक्टीरियल इंफेक्शन का मजबूती से सामना किया जा सकता है। इससे आपकी त्वचा पर मुंहासे, दाग धब्बे हट सकते हैं। यह सर्द मौसम में होने वाली स्किन की ड्रायनेस दूर करता है, जिससे चेहरे की चमक बनी रहती है।
3 कारगर आसन जिनसे सर्दियों में भी बनी रहेगी चेहरे की चमक
सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाइए। शरीर सीधा लेकिन ढीला रखिए और हाथों के तलवे जमीन पर रख दीजिए। अब दोनों पैरों को एकसाथ ऊपर उठाइए। 90 डिग्री तक पहुंचने के बाद, हाथों को जमीन पर ही रखकर, कमर भी ऊपर उठाइए। हाथों को कोहनियों से मोड़कर कमर को सहारा दीजिए। अंतिम स्थिति में पहुंचने पर आंखें बंद कीजिए। आसन से वापस आने के लिए पैरों को पहले सिर की ओर लाकर हाथ जमीन पर रखिए। धीरे धीरे कमर और फिर नितम्ब जमीन पर रखने के बाद पैर जमीन पर रखिए।
- लाभ- ये आसन चेहरे तक ब्लड सर्कुलेशन तेज करता है। यह चेहरे तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने में मदद करता है। जिससे हमारे चेहरे पर चमक आती है। इस आसन से पाचन शक्ति अच्छी होती और याददाश्त बढ़ती है। यह आसन कब्ज से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है। वजन को नियंत्रित करता है, यौन समस्याओं और विकारों में यह आसन बहुत लाभ पहुंचाता है।
- सावधानी- अगर कमर में दर्द, चक्कर आते हों, गर्दन दर्द, स्लिप डिस्क या सर्वाइकल की समस्या हो वे इसे न करें। हार्ट पेशेंट को भी यह आसन नहीं करना चाहिए।
मत्स्यासन
सबसे पहले पद्मासन लगाइए और उसी के साथ पीठ के बल लेट जाइए। इसके बाद दोनों हथेलियों को सिर के बाजू में रखकर उसके सहारे सिर और धड़ ऊपर उठाइए। अब सिर का ऊपरी हिस्सा जमीन पर टिकाकर हाथों की तर्जनियों से पैरों के अंगूठे पकड़ लीजिए। कोहनियां जमीन पर रखिए। पूरा शरीर ढीला रखिए और धीरे-धीरे श्वसन पेट से होने दीजिए। शुरू में 10 से 20 सेकंड तक यह आसन करने के बाद आधा या एक मिनिट तक भी कर सकते हैं। आसन छोड़ने के लिए पहले पैरों के अंगूठे छोड़कर पीठ सीधी करके जमीन पर रखें और उठकर बैठने के बाद फिर से सामान्य स्थिति में आएं।
- लाभ- इस आसन से त्वचा में लचीलापन आता है। इससे त्वचा आकर्षक बनती है। यह शरीर को कांतिमान बनाता है। गले की झुर्रियों को कम करने में सहायक है। इससे रक्त का संचार बढ़ता है, जिससे त्वचा की लालिमा बढ़ती है। यह आसन श्वसन प्रणाली मजबूत करता है। दमा, खांसी दूर करने में लाभदायक है।
- सावधानी- हर्निया या पेट की किसी भी प्रकार की शल्य चिकित्सा के बाद यह आसन न करें। उच्च रक्तचाप या चक्कर आते हों तो इस आसन को करने से बचें। पद्मासन में दिक्कत हो तो अर्ध पद्मासन लगाकर इसे कर सकते हैं।
सिंहासन
वज्रासन में बैठें। दोनों घुटनों को जितना हो सके उतनी दूरी पर रखें। दोनों हाथों को घुटने के बीच में रखें। हांथों की उंगलियां शरीर की तरफ रखें। दोनों हाथों को सीधा रखते हुए आगे की तरफ झुकंे। सिर को पीछे की तरफ झुकाएं। मुंह को जितना संभव हो खोलें। जीभ बाहर निकालें। आंखों को खोलकर रखें और भौहों के बीच देखें। अब नाक से सांस अंदर की तरफ लें। फिर मुंह से धीरे-धीरे आवाज निकालते हुए सांस बाहर छोड़ें। अंत में पुनः वज्रासन में बैठ जाएं।
- लाभ- त्वचा की चमक बढ़ती है। इस मौसम में होने वाली ड्रायनेस दूर होती है। स्मरणशक्ति बढ़ती है। गले एवं आवाज की तकलीफ को कम करने में यह मदद करता है। सीने और पेट के रोग दूर होते हैं। सर्दी-खांसी का असर कम होता है।