रिश्ते की इमारत कई चीजों पर टिकी होती है, भावनाओं में बहकर फैसले न लें, आर्थिक पहलू भी जरूर देखें

इस कॉलम में हमारी रिलेशनशिप एक्सपर्ट डॉ. निशा खन्ना पाठकों की समस्याओं/जिज्ञासाओं का समाधान कर रही हैं। सवाल पूछने वालों के नाम गोपनीय रखे गए हैं। 


सवाल- मैं पांच साल तक एक रिश्ते में रहा। दो साल बाद मेरी पार्टनर किसी के प्रति आकर्षित हुई और कुछ समय तक वह इंसान उसकी ज़िंदगी में रहा। बाद में वह चला गया। लेकिन उसके बाद मैं पार्टनर को इमोशनली एब्यूज़ करने लगा। जब तक मुझे अपनी ग़लती का अहसास हुआ, तब तक हमारा रिश्ता भी ख़राब हो गया। उसका कहना है कि अब फीलिंग्स पूरी तरह खत्म हो चुकी है और वह रिश्ता नहीं रखना चाहती। कोई रास्ता सुझाएं।
जवाब- आप इस बात को बख़ूबी समझ रहे हैं कि रिश्ता तोड़ना आसान है, पर उस पर मरहम लगाना मुश्किल है। मरहम लगाई भी जाए, तो पहले जैसी बात नहीं रह जाती है। बहरहाल, अगर आप उन्हें दोबारा पाना चाहते हैं, तो फिर आपको काफी प्रयास करने होंगे। अगर आप उन्हें प्यार करते हैं, उन्हें सम्मान दे सकते हैं, तो ही आगे बढ़ें। इसके लिए उनका विश्वास हासिल करना, भविष्य की योजना बनाना जरूरी है। आप अब उन्हें बार-बार फोन या मैसेज करके सॉरी ना बोलें, उन पर कोई भी दबाव न बनाएं। प्यार, परवाह, प्रशंसा और उन्हें सम्मान देकर अपनी भावनाएं जाहिर करें, लेकिन इसके लिए आपको खूब सारा वक्त देना होगा।


सवाल- तीन साल पहले मेरी सगाई हुई थी। सगाई के बाद एक लड़का मेरी जिंदगी में आया और मैं उससे प्यार करने लगी। जिससे मैंने सगाई की, मैं उससे प्यार नहीं करती। शादी होती है, तो मैं उसे स्वीकार नहीं कर पाऊंगी। क्या मैं सगाई तोड़कर आगे बढ़ जाऊं या वक्त के साथ सब ठीक होने का इंतजार करूं?
जवाब- रिलेशनशिप की कई उलझनों के जवाब में मैंने पहले भी कहा है कि रिश्ते की बुनियाद भले ही प्यार हो, लेकिन इसकी इमारत कई अन्य चीजों पर टिकी होती है। इसमें विश्वास, समझदारी, संवाद और आर्थिक परिस्थितियां भी शामिल होती हैं। आपको कई बातों का ख्याल रखने की जरूरत है, ताकि भविष्य में आप अपने फैसले पर पछताएं नहीं। पहले अपने दिल और दिमाग को एक करें। आप दोनों में से देखें कि किसके साथ आपका तालमेल ठीक है (और भविष्य में भी ठीक रहेगा), कौन आपको बेहतर समझता है और आप भी किसे बेहतर तरीके से जानती हैं। आप दोनों में से किसके प्रति क्या महसूस करती हैं, इससे भी ज्यादा जरूरी यह जानना है कि वह आपके लिए कैसा महसूस करते हैं। एक और महत्वपूर्ण पहलू है और वह है आर्थिक स्थिति। ऐसे फैसले भावनाओं में बहकर नहीं लिए जाते। इस रिश्ते को लेकर आपका परिवार क्या रुख रखता है, इस पर भी विचार कर लें। किसी भी रिश्ते की शुरुआत में एक हनीमून पीरियड होता है। उसके बाद सच सामने आना शुरू होता है। सच को अभी से सामने रखकर देखें तो आपके समक्ष स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।


सवाल- मेरी पत्नी पिछले कुछ दिनों से एक लड़के से फोन और मैसेज पर बात करती है। वह लड़का कई बार रुखेपन और गुस्से में बात करता है। मैसेज भी बहुत अभद्रता से करता है, लेकिन मेरी पत्नी तब भी उसे मैसेज करती है। वह गुस्सैल और साइको किस्म का लड़का है, लेकिन पत्नी तब भी विनम्र बनी रहती है। मैं टोकता हूं, तो वह मुझ पर ही गुस्सा करती है। मुझे क्या करना चाहिए?
जवाब- आपकी पत्नी का यह व्यवहार सामान्य नहीं है। साफ़ दिख रहा है कि आपकी पत्नी उस व्यक्ति के प्रति भावनात्मक रूप से गहरा जुड़ाव रखती हैं। तभी उसके रूखे व्यवहार के बावजूद वह खुद को बात करने से नहीं रोक पा रही हैं। मेरा सुझाव है कि आप किसी तरह का दबाव बनाने, गुस्सा करने या फ़ोन छीनने जैसी हरकतें बिल्कुल नहीं करें। पत्नी से खुलकर बात करें। उन्हें स्पष्ट कर दें कि आपको उनका उस लड़के से बात करना पसंद नहीं है। अपने स्टैंड पर कायम रहें। पर साथ ही आप पत्नी का पक्ष भी सुनें और यह समझने का प्रयास करें कि आखिर वह उस लड़के के प्रति इतना अटैच क्यों हो रही हैं? मामले को पूरे सकारात्मक तरीके व समझदारी से डील करें।Image result for relationship