खुद को कोरोना और स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने हाथ मिलाकर नहीं, हाथ जोड़ कर करें अभिवादन

कोराेना और स्वाइन फ्लू जैसी मौसमी बीमारियाें से लाेगाें काे बचाने और जागरूक करने के लिए एम्स जोधपुर ने नमस्कार जोधपुर अभियान शुरू किया है। इसमें हमें पश्चिमी सभ्यता और संस्कृति वाली हाथ मिलाने की परंपरा काे छाेड़कर फिर से भारत की पौराणिक परंपरा नमस्ते काे अपनाने और इसके फायदे के बारे में बताया जाएगा। इससे न केवल एक व्यक्ति की जान बचेगी, बल्कि उसके आसपास के व्यक्तियों और समुदाय को मौसम में परिवर्तन के साथ होने वाली बीमारियों जैसे कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू से बचाव भी हाेगा। एम्स इस अभियान के तहत अपने परिसर, वार्ड, ओपीडी और मेडिकल कॉलेज में आने-जाने वाले हर आम और खास को पुरानी संस्कृति के नमस्ते करने के फायदे और हाथ मिलने से होने वाले नुकसान काे लेकर जागरूक कर रहा है।



बाहर से आएं ताे हाथ साबुन से धाेएं
एम्स के कम्युनिटी मेडिसन व फैमिली मेडिसिन एडि. प्रोफेसर डॉ. पंकज भारद्वाज ने बताया कि हॉस्पिटल में इंफेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। अस्पताल में भर्ती रिश्तेदार से मिलने आया स्वस्थ व्यक्ति भी गंभीर इंफेक्शन अपने साथ ले जाता है और अवेयरनेस की कमी के कारण इसे फैलाता है। इसे रोकने के लिए एम्स नमस्कार जोधपुर अभियान चला रहा है। यह एक अच्छा आइडिया है  इंफेक्शन से बचने और उसे फैलने से रोकने का। एक-दूसरे से मिलने पर हम नमस्ते करें ताे इससे बच सकते हैं। डॉ. भारद्वाज ने बताया कि बाहर जाकर आने पर अपने हाथ साबुन से धोएं। हॉस्पिटल में जाकर आने पर अपने हाथ को अपने मुंह या आंखों पर न लगाएं। यह छोटी-छोटी जागरूकता खुद काे कोरोना, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों से बचा सकती है।


पीजीआई चंडीगढ़ ने सबसे पहले शुरू किया 
संस्कृति बचाते हुए सेहत सही रखने की सोच पीजीआई चंडीगढ़ में शुरू हुई। उन्होंने शोध किया और जर्नल ऑफ हेल्थ रिसर्च में पेपर भी पब्लिश किया। इसमें बताया कि हॉस्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन इन्फ्लूएंजा एपेडमिक को हैंड हाइजीन से केवल हाथों को साफ रख रोका जा सकता है। हॉस्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार माइक्रोग्रामस मरीज के हाथ से उसके परिजनों और हेल्थ वर्कर में जाते हैं और आगे फैलते हैं। डेवलपिंग देशों में हॉस्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन की दर 15 प्रतिशत से ज्यादा है, वहीं 4 हजार बच्चों की प्रतिदिन हॉस्पिटल एक्वायर्ड इंफेक्शन के कारण मौत हो रही है। डब्ल्यूएचओ ने भी ग्लोबल पेशेंट सेफ्टी चैलेंज में पहला बड़ा पिलर हैंड हाइजीन को घोषित किया है।


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