पुरुषों की फील्ड में काम करने का दिखाया साहस, घरेलू हिंसा से पीड़ित छह महिलाएं चलाएंगी सड़कों पर ई-रिक्शा

महिलाओं ने पुरुषों की फील्ड में चुनौती मानकर काम करना शुरू कर दिया। कई क्षेत्रों में महिलाओं को काम करते देखा जा सकता है। इसके बावजूद अभी ऐसी फील्ड बाकी हैं, जिसमें महिलाएं काम करने से हिचकिचाती है। भोपाल में चल रही मिनी बसों में अभी पुरुष कंडेक्टर का ही वर्चस्व है।


सखी गौरवी वन स्टॉप क्राइसिस की पहल


ऐसे में एक महिला को हबीबगंज से लालघाटी तक चलने वाली 7 नंबर बस में आवाज लगाते हुए लोग चौंक जाते हैं। सवारी महिला कंडेक्टर की आवाज पर मुस्कुराते हुए बस में चढ़ जाती है। महिला कंडक्टर जूली का कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है, इसलिए भीख मांगने से अच्छा है कि मेहनत कर परिवार का पालन पोषण करें। ऐसी ही घरेलू हिंसा से पीड़ित 6 महिलाओं ने अब चूल्हा-चौका छोड़कर ई-रिक्शा चलाएंगी। सखी गौरवी वन स्टॉप क्राइसिस सभी महिलाओं को सवारियों से बात करने गुर सिखा रही हैं। ऐसी महिलाओं की कहानी उनकी जुबानी...


ई-रिक्शा चलाने के लिए संस्थान ने सभी को किया प्रशिक्षित
सखी गौरवी वन स्टॉप क्राइिसस की कोऑर्डिनेटर शिवानी सैनी ने बताया कि रीना जैसी पांच अन्य महिलाएं है, जो घरेलू हिंसा की शिकार थीं। उन्होंने पति और ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर ससुराल छोड़ दिया। मायके में रहते हुए परिजनों पर बोझ नहीं बनना चाहती है। इसलिए संस्थान ने सभी को ई-रिक्शा चलाने के लिए प्रशिक्षित किया। लोन से ई-रिक्शा दिलाया। अब वे अपने पैरो पर खड़ी हो गई।



पति पैसा शराब में उड़ा देता है ऐसे में बस कंडक्टर बनने का निर्णय लिया
मेरा नाम जूली है। मैंने दसवीं तक पढ़ाई की फिर परिजनों ने 16 साल पहले शादी कर दी। मियां भी ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है। वह हमीदिया की कैंटीन में नौंकरी करता है। पति आधा पैसा शराब में उड़ा देता है। ऐसे में मैंने काम करने का निर्णय लिया। मैं बस कंडेक्टर के काम के लिए वाहन मालिक अंसार खान के पास गई। उन्होंने शुरू में दो दिन के लिए बस में भेजा। अब मुझे बस पर चलते 6 माह से ज्यादा का वक्त हो गया है।पति ने दूसरी शादी कर ली तो मेरे आत्मसम्मान को भी ठेस पहुंची
मेरा नाम रीना मालवीय है। शादी के बाद सब अच्छा था। मैं अपने परिवार में दों बच्चों के साथ खुश थी। फिर पति का दूसरी महिला से अफेयर हो गया। पति से पूछा तो उसने मारपीट शुरू कर दी। फिर पति ने दूसरी शादी कर ली। इससे मेरे आत्मसम्मान को काफी ठेस पहुंची। न्याय की उम्मीद से सखी गौरवी वन स्टॉप क्राइसिस पहुंची। यहां पर मुझे मदद के साथ पैरों पर खड़ी होने के लिए प्रोत्साहित किया गया।


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